समाज के साथ मिलकर कार्य करने के लिए पंच परिवर्तन

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नागपुर में संपन्न हुई अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में समाज के साथ मिलकर कार्य करने के लिए पंच परिवर्तन पर व्यापक चर्चा हुई।

नागपुर में संपन्न हुई अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में समाज के साथ मिलकर कार्य करने के लिए पंच परिवर्तन पर व्यापक चर्चा हुई। ये है -

1. समरसता - सामाजिक समरसता यह संघ की रणनीति का हिस्सा नहीं है वरन यह निष्ठा का विषय है। सामाजिक परिवर्तन समाज की सज्जन-शक्तियों के एकत्रीकरण और सामूहिक प्रयास से होगा। सम्पूर्ण समाज को जोड़कर सामाजिक परिवर्तन की दिशा में आगे बढ़ने का संघ का संकल्प है। 

देश में अनेक छोटे गांवों में ऊँच-नीच और छुआछुत दिखाई देती है। शहरों में इसका प्रभाव बहुत कम है। गांव के तालाब, मन्दिर और श्मशान को लेकर समाज में कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए।

2. कुटुम्ब प्रबोधन - हमारी प्राच्य परंपरा में कुटुंब को समाज की इकाई माना है। कुटुंब से व्यक्ति और समाज दोनों का, सब प्रकार से पोषण होता है।

3. पर्यावरण – पेड़ लगाओ, पानी बचाओ, पोलीथीन हटाओ

पानी, प्लास्टिक, पेड़ - पर्यावरण की रक्षा, ये किसी एक संगठन का अभियान नहीं, वरन पूरे समाज का है। स्वयंसेवकों को स्वयं और अन्य लोगों को भी प्लास्टिक के प्रयोग से बचना चाहिए। पानी के दुरुपयोग और वृक्षों के सुरक्षा व संवर्धन पर भी ध्यान देना चाहिए।

4. स्वदेशी - ‘स्व’ आधारित व्यवस्था का आग्रह। स्वयंसेवकों को ‘स्व’ बोध का स्वाभिमान और स्वदेशी भाव पर जीवन को उत्कृष्ट बनाने की योजना करनी चाहिए। जिससे समाज प्रेरणा पा सके।

5. नागरिक कर्तव्य - किसी देश का समुचित विकास तभी संभव हो पाता है, जब उसके नागरिकों में नागरिक कर्तव्य का बोध हो और उसके पालन के प्रति कठोरता हो, स्वयंसेवक इस दिशा में अपना उदाहरण प्रस्तुत करें।

 

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