अपने बौद्धिक में डॉ. भागवत जी ने समाज के लिए आवश्यक पांच परिवर्तनों, अर्थात् सामाजिक समरसता, परिवारिक मूल्यबोध, पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी और नागरिक कर्तव्य पर विस्तार से चर्चा की।

23 फरवरी 2025, रविवार को, गुवाहाटी स्थित कार्यकर्ताओं के लिए एक बौद्धिक कार्यक्रम का आयोजन साउथ प्वाइंट स्कूल परिसर, बरशापारा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के गुवाहाटी महानगर द्वारा किया गया। लगभग हजार दायित्वधारी कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में, संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने समाज परिवर्तन के लिए पञ्च परिवर्तन को एक महत्वपूर्ण कुंजी के रूप में रेखांकित करते हुए प्रेरणादायक सम्बोधन दिया। अपने बौद्धिक में डॉ. भागवत जी ने समाज के लिए आवश्यक पांच परिवर्तनों, अर्थात् सामाजिक समरसता, परिवारिक मूल्यबोध, पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी और नागरिक कर्तव्य पर विस्तार से चर्चा की।
उन्होंने समाज में विभिन्न जातियों, मतों, क्षेत्रों और भाषाओं के बीच मित्रता और एकता को बढ़ावा देने के महत्व पर बल दिया, ताकि एक समरस समाज का निर्माण किया जा सके। डॉ. भागवत जी ने एक महत्वपूर्ण टिप्पणी की, जिसमें कहा कि सभी हिंदू मंदिरों, जलाशयों और श्मशान भूमि को आपसी सम्मान और सहयोग के माध्यम से एकजुट किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अपने परिवार में भारतीय मूल्यों को बढ़ावा देना समाज को सही दिशा में आगे बढ़ने के लिए मार्ग प्रदान करेगा।
डॉ. भागवत जी ने पर्यावरण संरक्षण में समाज की सामूहिक जिम्मेदारी पर भी प्रकाश डाला, जिसमें जल संरक्षण, पॉलीथीन न्यूनता और वृक्षारोपण जैसी क्रियाओं को महत्व दिया। उन्होंने यह बताया कि प्रत्येक भारतीय परिवार को अपनी भाषा, वस्त्र, भोजन, आवास और भ्रमण में स्वदेशी को अपनाना चाहिए। डॉ. भागवत ने सभी से विदेशी भाषाओं के उपयोग को कम करने और अपनी मातृभाषा में संवाद करने का आह्वान किया।
अपने भाषण में डॉ. भागवत जी ने यह भी कहा कि जहां तक नागरिक कर्तव्यों की बात है, हमें सभी राजकीय नियमों और कानूनों का पालन करना चाहिए, साथ साथ यह प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि वह पारंपरिक सामाजिक नैतिक मानदंडों का भी पालन करें, जो किसी भी नागरिक नियम पुस्तक में उल्लिखित नहीं होते हैं, ताकि समाज की भलाई हो सके।
कार्यक्रम में उत्तर असम प्रांत के संघचालक डॉ. भूपेश शर्मा और गुवाहाटी महानगर के संघचालक गुरु प्रसाद मेधी सहित हजारों संघ कार्यकर्ता उपस्थित थे।