राष्ट्र सेविका समिति का विजयादशमी उत्सव

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वैचारिक संभ्रम के कारण मूल तत्वज्ञान को भूलकर "हिन्दवः सोदराः सर्वे" कहनेवाला आज जाति , बिरादरी ,  मत , पंथ के बंधन में फंसकर अपने विराट स्वरूप को काटने में लगा है, इसलिये मूल हिंदू चिंतन का विचार, कृति में लाने की आवश्यकता पर शांता कुमारी जी ने जोर दिया।

"असाधारण शक्ति से संपन्न महिलाओं को अपने भीतर की शक्ति का अनुभव करना चाहिए और नए भारत  के उत्थान के लिए आगे आना चाहिए," यह  प्रसिद्ध शास्त्रीय नृत्यांगना पद्मविभूषण सोनल मानसिंह ने कहा। वह शुकवार को राष्ट्र सेविका समिति, नागपुर विभाग के विजयादशमी समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रही थीं।

इस अवसर पर, राष्ट्र सेविका समिति की प्रमुख संचालिका वी. शांताकुमारी ने  हमारे देश को अस्थिर करने और युवाओं को गुमराह करने की ताकतों से   सावधान रहने और अंधानुकरण से दूर रहने की अपील की। महिलाओं के प्रति दुर्व्यवहार और अमानवीय अपराधों की घटनाएँ बढ़ रही हैं उसके लिए व्यक्तिगत और सामाजिक स्तर पर काम करना होगा। कड़े कानून और त्वरित निर्णय की प्रक्रिया के साथ ही समाज जागरण की आवश्यकता पर भी उन्होंने बल दिया।

वैचारिक संभ्रम के कारण मूल तत्वज्ञान को भूलकर "हिन्दवः सोदराः सर्वे" कहनेवाला आज जाति , बिरादरी ,  मत , पंथ के बंधन में फंसकर अपने विराट स्वरूप को काटने में लगा है, इसलिये मूल हिंदू चिंतन का विचार, कृति में लाने की आवश्यकता पर शांता कुमारी जी ने जोर दिया।

इस दौरान व्यासपीठ पर -सीता गायत्री अन्नदानं ( प्रमुख कार्यवाहिका , रा से समिति), मनीषा आठवले (विदर्भ प्रांत कार्यवाहिका )और करुणा साठे ( नागपुर विभाग कार्यवाहिका )

उपस्थित थीं। समिति के भारतीय अधिकारी तथा अन्य मान्यवरों में मा.भैय्याजी जोशी ,मा. रामदत्त जी ,श्रीमती किरण चोपडा, श्रीमती उर्वशी मिश्रा जी,बबिता सैनी,मंजिरी फड़के,रीना सिन्हा जी उपस्थित थे।

 

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